द फॉलोअप डेस्क
IAS मनीष रंजन से पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं। उनसे पूछताछ शुरू हो गई है। बता दें कि टेंडर कमीशन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए उन्हें ईडी ने दूसरा समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया है। मनीष रंजन से इससे पहले उनसे 28 मई को पूछताछ हो चुकी है। पिछली पूछताछ में मनीष रंजन ने कई सवालों पर चुप्पी भी साध रखी। वहीं मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े सवालों में उलझ गए थे। गौरतलब है कि पहली बार मनीष रंजन से 24 मई को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। उन्होंने 3 हफ्ते का वक्त देने की मांग की थी।
28 मई को नौ घंटे तक हुए थे सवाल-जवाब
दूसरी बार जारी समन के बाद आईएएस मनीष रंजन ईडी कार्यालय पहुंचे। वे करीब पौने 12 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे थे। इस दिन मनीष रंजन से ईडी ने नौ घंटे के करीब पूछताछ की थी। इस नौ घंटे की पूछताछ के दौरान वे ईडी के कई ऐसे सवालों पर उलझे, जो उनके और मंत्री आलमगीर आलम के रिश्ते से जुड़े हुए थे। इस दौरान मनीष रंजन ने कई सवालों पर चुप्पी भी साध रखी। मनीष रंजन से पहले अकेले में और फिर आलमगीर आलम के साथ बिठाकर सवाल-जवाब किए गए थे।
क्या है टेंडर कमीशन घोटाला
दरअसल ईडी ने 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर रेड मारी थी। इसमें 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी हुई थी। पैसे की यह बरामदगी पीएस संजीव लाल के सहायक जहांगीर आलम के यहां से बरामद हुए। जांच के दौरान ईडी ने इस बात का खुलासा किया कि यह पैसा ग्रामीण विकास विभाग में टेंडरों के बदले लिए गए कमीशन वाले हैं। इसे टेंडर कमीशन घोटाला नाम दिया गया। जांच के बाद ईडी ने मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 6 मई की देर रात ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है। फिलहाल अभी जेल में हैं।